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Cyber fraud: जामताड़ा नहीं, अब ये शहर बन गया है साइबर अपराधियों का ठिकाना ?

दिल्ली पुलिस ने करीब एक महीने तक चले मल्टी-स्टेट ऑपरेशन में साइबर क्राइम के अलग-अलग मामलों में शामिल 19 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों मे कहा ऐसा लगता है कि यह रैकेट झारखंड के जामताड़ा से लेकर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और पश्चिम बंगाल के तारापीठ तक फैला हुआ था. जांच से पता चला है कि साइबर अपराधी जामताड़ा से तारापीठ शिफ्ट हो गए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कई बैंक खातों में 6.93 करोड़ रुपये जमा होने का पता लगाया है. कई राज्यों में चलाए गए इस ऑपरेशन में पुलिस को छह तरह की मोडस ऑपरेंडी का पता चला, जिसमें ऑनलाइन स्टॉक मार्केट निवेश, टेलीग्राम के जरिए घर से ऑनलाइन काम, कस्टमर केयर नंबर के जरिए धोखाधड़ी शामिल है.

साइबर ठगों ने 99 Acre Ap, Quicker App और ड्राइवर ट्रैक प्लस कार्ड का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी के नए तरीके भी खोजे हैं. डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) रोहित मेन्ना ने कहा कि अगस्त की शुरुआत में कई टीमों का गठन किया गया था, जिन्होंने मुख्य अपराधियों को पडड़ने के लिए साइबर स्कैम की जांच शुरू की.

हफ्तेभर भर चले तलाशी अभियान के दौरान पुलिस टीमों ने जामताड़ा और गिरिडीह, बिहार के समस्तीपुर, मध्य प्रदेश के राजगढ़, सेफोरा और ब्यावरा, प्रतापगढ़, मुंबई, अजमेर और तारापीठ में छापेमारी की.

जामताड़ा से कहीं और शिफ्ट हो गए स्कैमर

जामताड़ा को भारत की फिशिंग कैपिटल के रूप में जाना जाता है, क्योंकि देशभर में साइबर धोखाधड़ी की अनेक घटनाएं इसी छोटे से शहर से सामने आई हैं. रिपोर्ट के अनुसार एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया कि जामताड़ा में साइबर फ्रॉड के लगातार मामले दर्ज होने के कारण एजेंसियों का ध्यान इस क्षेत्र पर रहा, जिससे अपराधी सतर्क हो गए. इसलिए वे पश्चिम बंगाल के तारापीठ गांव की ओर आगे बढ़ गए.

मध्य प्रदेश में हर दिन 17 लाख रुपये का फ्रॉड

मध्य प्रदेश का भोपाल भी उन शहरों में शामिल है, जहां बड़ी संख्या में साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए जा रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच के आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी से 26 अगस्त के बीच मात्र आठ महीनों में साइबर अपराधियों ने भोपाल के लोगों से लगभग 41 करोड़ रुपये उड़ा लिए हैं. इससे पता चलता है कि इन ऑनलाइन स्कैम से प्रतिदिन औसतन 17 लाख रुपये से अधिक की चोरी की गई है.

2024 के पहले चार महीनों में 1,750 करोड़ रुपये फ्रॉड

साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों का अंदाजा इस बात से लगाय जा सकता है कि 2024 के पहले चार महीनों में भारत में लोगों ने साइबर अपराधियों के हाथों 1,750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाया. जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7 लाख 40 हजार से अधिक साइबर क्राइम शिकायतें दर्ज की गई.

इंडियन साइबर क्राइम कोऑ्डिनेशन सेंटर (I4C) के अनुसार, मई 2024 में औसतन 7,000 साइबर क्राइम शिकायतें प्रतिदिन दर्ज की गईं, जो 2021-2023 के बीच 113.7 फीसदी और 2022-2023 से 60.9 फीसदी की बढ़ोतरी है, उनमें से 85 फीसदी फाइनेंशियल ऑनलाइन फ्रॉड थे.

जानें कि जामताड़ा के बाद कौन सा शहर बन गया है साइबर अपराध शहर। इस नए साइबर अपराध शहर में साइबर धोखाधड़ी और अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराधी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं। जानिए किस प्रकार ये अपराधी इस साइबर अपराध शहर का हिस्सा बन गए हैं और सुरक्षा एजेंसियां इन अपराधों से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही हैं।



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