जोधपुर में साइबर ठगों ने आईआईटी की प्रोफेसर को 12 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर करीब 12 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर पीड़िता को कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सस्पेक्ट है। उसका एक पार्सल मुंबई में आया है, जिसमें ड्रग्स, पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड मिले हैं। इसलिए उसे सर्विलांस पर रहना होगा, नहीं तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने प्रोफेसर का माइंड वॉश कर उसके सभी कम्युनिकेशन डिवाइस को कंट्रोल कर लिया। फिर प्रोफेसर के बैंक अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। मामला जोधपुर के करवड़ थाना इलाके का है। पीड़िता ने 13 अगस्त को मामला दर्ज करवाया।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसने का डर दिखाया
करवड़ थाने के सब इंस्पेक्टर महेंद्र कुमार ने बताया- आईआईटी जोधपुर की असिस्टेंट प्रोफेसर अमृता पुरी (35) पत्नी नितेश अणिराव निवासी पटियाला (पंजाब) के साथ डिजिटल अरेस्ट की घटना हुई है। वह फिलहाल आईआईटी कैंपस में रहती हैं।
अमृता ने रिपोर्ट में बताया कि मेरे पास 1 अगस्त को अलग-अलग नंबर से कई कॉल आए थे। मैंने कॉल रिसीव किया तो कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। कहा- आपका एक पार्सल मुंबई में आया हुआ है। इस पार्सल में एमडी ड्रग्स मिली है। साथ में कई पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड भी हैं। आप इसकी रिपोर्ट मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच में करवा दें। इसके बाद बदमाश ने खुद ही कॉल साइबर ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया।
वहां दूसरे व्यक्ति ने खुद को मुंबई की साइबर क्राइम ब्रांच का डीसीपी बताया। उसने कहा- आप मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंस गई हैं। इसलिए आपको सहयोग करना होगा, वरना अरेस्ट कर जेल भेज दिया जाएगा। यह सुनकर मैं डर गई थी। इसके बाद वे लोग जैसा कहते गए, मैं वैसा ही करती गई।
मोबाइल को कंट्रोल में लिया, कैमरा भी ऑन रखा
पुलिस के अनुसार, बदमाशों ने प्रोफेसर को लगातार सर्विलांस पर रखने की बात कही। उनके मोबाइल फोन को ठगों ने अपने कंट्रोल में ले लिया। कैमरा ऑन रखा और स्क्रीन शेयर कर लिए गए। यही नहीं, उनका लैपटॉप भी स्काइप ऐप के जरिए कंट्रोल में लिया गया। प्रोफेसर किसी से कॉन्टैक्ट भी नहीं कर सकती थी। प्रोफेसर जो भी करती, वह ठगों की निगरानी में था। 1 अगस्त से प्राेफेसर को सर्विलांस पर रखा गया था।