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पीजीआई की डॉक्टर से ठगे पौने तीन करोड़ सात खातों में भेजे गए, फिर क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया

लखनऊ पीजीआई की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए 2.81 करोड़ रुपए के मामले में साइबर पुलिस लगातार जांच में जुटी है। पुलिस के हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। डॉक्टर से देश के चार राज्यों के सात खातों में रुपए ट्रांसफर कराए गए।

लखनऊ पीजीआई की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए 2.81 करोड़ रुपए के मामले में साइबर पुलिस लगातार जांच में जुटी है। पुलिस के हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। डॉक्टर से देश के चार राज्यों के सात खातों में रुपए ट्रांसफर कराए गए।

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लखनऊ पीजीआई की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए 2.81 करोड़ रुपए के मामले में साइबर पुलिस लगातार जांच में जुटी है। पुलिस के हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। डॉक्टर से देश के चार राज्यों के सात खातों में रुपए ट्रांसफर कराए गए। इन रुपयों को ट्रांसफर कराने के बाद क्रिप्टो करेंसी में चेंज भी करा दिया गया। पैसे भले ही देश के ही अंदर बैंक में ट्रांसफर कराया गया लेकिन यह सब सऊदी अरब में बैठे साइबर ठगों ने की है। पुलिस की जांच में पता चला है कि सबसे बड़ी रकम गुजरात में सूरत के एक बैंक खाते में ट्रांसफर हुई है। इसके अलावा बिहार, राजस्थान और दिल्ली के खातों से रकम ट्रांसफर हुई है। इन खातों से दूसरे खातों में रकम ट्रांसफर हो गई। फिलहाल एक खाते में मौजूद 27.88 लाख रुपए फ्रीज कर दिए गए हैं।

डॉ. रुचिका साइबर ठगों की बातों से इतना ज्यादा डर गई थीं कि वह जो-जो कहते गए, वह करती गईं। यहां तक कि उनके कहने पर एक नया मोबाइल भी बाजार जाकर खरीद लाईं। दरअसल डॉक्टर रुचिका की-पैड वाला मोबाइल फोन इस्तेमाल करती हैं। साइबर ठगों की धमकी के डर से स्काइप ऐप डाउनलोड करने के लिए नया मोबाइल खरीदा। मां को घर पर अकेला छोड़कर वह मोबाइल खरीदने गई थीं। मोबाइल घर लाकर उसमें अपना सिम लगाया और वॉट्सऐप के साथ स्काइप ऐप डाउनलोड किया। इसके बाद वॉट्सऐप पर भेजे गए लिंक खोल कर उनके बताए खातों में पैसे भेजे। इस दौरान स्काइप पर साइबर ठग खुद को अधिकारी बताते हुए जुड़े रहे।

एक हफ्ते तक डिजिटल अरेस्ट रखा

कृष्णानगर निवासी डॉ. रुचिका टण्डन को एक दो दिन नहीं बल्कि एक हफ्ते तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया था। साइबर ठगों ने डॉक्टर से कहा कि कोर्ट में मामला चला गया है, प्रापर्टी की डिटेल बतानी होगी। डॉक्टर के पास एक अगस्त को पहली बार कॉल आई थी। ट्राई कर्मी बनकर कॉल करने वाले शख्स ने रुचिका से कहा कि आपके मोबाइल नम्बर के खिलाफ 22 शिकायतें दर्ज की गई हैं। मोबाइल नम्बर का प्रयोग आपराधिक गतिविधि के लिए हो रहा है।

इसके बाद रुचिका को मोबाइल पर स्काईप एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया। उनके पास की-पैड वाला मोबाइल था। ऐसे में साइबर ठगों ने रुचिका पर तत्काल एड्रायड मोबाइल खरीदने का दबाव बनाया। नया मोबाइल लेकर डॉक्टर ने उस पर स्काईप एप डाउनलोड किया। जिसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया। कथित सीबीआई अधिकारी ने रुचिका को बताया की आपका मामला कोर्ट में है। जिसकी लगातार निगरानी की जा रही है। हम आपको डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं। इसलिए आपको प्रापर्टी की पूरी डिटेल बतानी पड़ेगी।

चेकिंग के बाद लौटा देंगे रुपये

डॉ. रुचिका टण्डन के मुताबिक एक अगस्त से आठ अगस्त तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा गया। आरोपियों ने करीब सात खातों में दो करोड़ 81 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। डॉक्टर के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें कई कागज और आईडी कार्ड दिखाए थे। इसकी वजह से उन्हें ठगों के जाल में फंसने का अंदेशा ही नहीं हुआ। रुचिका ने पांच खातों में कराई गई एफडी भी तुड़वाई थी। उन्होंने बताया कि कथित सीबीआई अधिकारी ने दावा किया था कि वह लोग खाते में जमा रुपये के स्रोत की जांच के बाद रुपए लौटा देंगे।

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें

फर्जी या स्कैम फोन कॉल बार-बार आए तो आप बिना डरे पुलिस से संपर्क करें l केंद्र सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने के लिए www.sancharsaathi.gov.in पर Chakshu पोर्टल लॉन्च किया है साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या https://www.cybercrime.gov.in पर भी मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं फर्जी फोन कॉल से डरे नहीं घर के लोगों को शेयर करें और पुलिस को बताएं ठग सिर्फ आपके डर का फायदा उठाना चाहते हैं

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