नई दिल्ली. आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करना आम-सी बात हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी एक सिंपल-सी फोटो भी आपके लिए खतरा बन सकती है? खासकर वो फोटो, जिसमें आपके हाथों की उंगलियों के निशान स्पष्ट दिख रहे हों. ऐसे मामलों में साइबर अपराधी आपकी उंगलियों के निशान का उपयोग करके आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) से रुपये निकाल सकते हैं और अन्य गैर-कानूनी कार्यों को भी अंजाम दे सकते हैं. यदि आप भी खटाखट फोटो शेयर करने में दिलचस्पी रखते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर ये खबर उसे बढ़ा दीजिए, जो ऐसा करता है या करती है.
नवभारत टाइम्स ने इसे लेकर एक रिपोर्ट छापी है. उस रिपोर्ट में एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन रॉय के हवाले से लिखा गया है कि नोएडा में ऐसे 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनकी जांच चल रही है. इन मामलों में ठगों ने लोगों की फोटो से उनके फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार किया और उसका गलत उपयोग किया.
ऐसे में स्टूडेंट्स को सलाह दी गई है कि सोशल मीडिया पर अपनी कोई भी फोटो शेयर करने से पहले सावधानी बरतें. खासकर तब, जब फोटो में आपके फिंगरप्रिंट या अन्य संवेदनशील जानकारी दिख रही हो. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सोशल मीडिया अकाउंट्स में प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें.
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम में सुरक्षा जरूरी
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) एक ऐसा सिस्टम है, जो आधार नंबर और बायोमेट्रिक पहचान के आधार पर बैंकिंग लेनदेन की सुविधा देता है. इस सिस्टम में फिंगरप्रिंट की सुरक्षा बेहद जरूरी है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, आजकल फिंगरप्रिंट को लेकर सेफ्टी संबंधी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है. कई बार लोग साइबर ठगी का शिकार सिर्फ इसलिए हो जाते हैं, क्योंकि वे सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करते हैं. इस वजह से सतर्क रहना बेहद जरूरी है.
बायोमेट्रिक्स को सेफ रखने के उपाय
सोशल मीडिया पर सावधानी बरतें: सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो या जानकारी साझा न करें, जिसमें आपकी उंगलियों के निशान, चेहरे की पहचान, या अन्य बायोमेट्रिक जानकारी नजर आ रही हो.
प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें: अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स, विशेष रूप से सोशल मीडिया और बैंकिंग ऐप्स, में प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें, जिससे आपकी जानकारी तक पहुंचना और भी कठिन हो जाए.
बायोमेट्रिक डेटा को कहीं और न शेयर करें: अपनी बायोमेट्रिक जानकारी को किसी भी अनधिकृत ऐप या वेबसाइट पर न डालें. केवल भरोसेमंद और आधिकारिक प्लेटफार्मों का ही उपयोग करें.
सॉफ्टवेयर अपडेट्स का ध्यान रखें: अपने मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों के ऑपरेटिंग सिस्टम और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते रहें. यह सुनिश्चित करेगा कि आपके डिवाइस लेटेस्ट सुरक्षा उपायों से सुरक्षित हैं.
बायोमेट्रिक लॉग्स पर ध्यान दें: यदि आपके बायोमेट्रिक्स का उपयोग बैंकिंग या अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में होता है, तो नियमित रूप से अपने ट्रांजेक्शन लॉग्स की जांच करें. इससे आपको यह पता चलेगा कि आपकी जानकारी का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है.
बायोमेट्रिक डाटा का उपयोग सीमित रखें: जहां तक संभव हो, केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही बायोमेट्रिक्स का उपयोग करें. हर जगह इसे उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है.
किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: अगर आपको लगता है कि आपकी बायोमेट्रिक जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों या साइबर क्राइम विभाग में शिकायत दर्ज करें.
नियमित रूप से बायोमेट्रिक्स की जांच कैसे करें
ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट्स की जांच करें: अगर आपका बायोमेट्रिक डेटा किसी बैंकिंग या वित्तीय सेवा के साथ जुड़ा हुआ है, तो नियमित रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट्स की जांच करें. किसी भी संदिग्ध लेन-देन की जानकारी तुरंत संबंधित बैंक को दें.
बायोमेट्रिक लॉग्स की निगरानी: कुछ सेवाएं आपको यह देखने का विकल्प देती हैं कि आपका बायोमेट्रिक डेटा कब और कहां उपयोग किया गया. ऐसे लॉग्स को नियमित रूप से चेक करें.
साइबर सेफ्टी टूल्स का उपयोग करें: ऐसे कई साइबर सेफ्टी टूल्स उपलब्ध हैं जो आपकी बायोमेट्रिक जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं. इन्हें अपने डिवाइस पर इंस्टॉल करें और नियमित रूप से स्कैन करें.
आधार की जांच: अगर आपका आधार कार्ड बायोमेट्रिक्स से जुड़ा है, तो आधार की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से नियमित रूप से अपने बायोमेट्रिक जानकारी के उपयोग की जांच करें.